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भारत में 2020-2025 के दौरान वेल्थ क्रिएशन ने 30 साल का रिकॉर्ड तोड़ा

भारतीय शेयर बाजार और अर्थव्यवस्था ने पिछले पांच वर्षों (2020-2025) में एक अभूतपूर्व उछाल दर्ज किया है। कोविड-19 महामारी के बाद हुए इस तेज सुधार ने वेल्थ क्रिएशन के पिछले 30 वर्षों के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (MOFSL) की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में देश की शीर्ष 100 कंपनियों के मार्केट कैप में ₹148 लाख करोड़ का भारी इजाफा हुआ है। यह उछाल भारतीय बाजार की मजबूती और निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
सबसे ज्यादा पैसा बनाने वाले सेक्टर

MOFFL की रिपोर्ट बताती है कि इस रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि में कुछ खास सेक्टरों का योगदान सबसे अधिक रहा है। वेल्थ क्रिएशन में सबसे आगे वित्तीय क्षेत्र (जैसे बैंक और बीमा कंपनियां) रहे हैं। इसके बाद, उद्योग, टेक्नोलॉजी और यूटिलिटी (सार्वजनिक सेवाएं) सेक्टरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सरकारी कंपनियां (PSU), खासकर रक्षा और ऊर्जा जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में, तेजी से आगे बढ़ रही हैं। व्यक्तिगत कंपनियों की बात करें तो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने इस अवधि में सबसे अधिक संपत्ति बनाई है।
विश्व का चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार

इस मजबूत प्रदर्शन के कारण भारत ने वैश्विक स्तर पर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब दुनिया का चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार बन चुका है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत अब सबसे तेज वेल्थ क्रिएशन के दौर में है।

उन्होंने अनुमान लगाया कि जैसे-जैसे भारतीय अर्थव्यवस्था $4 ट्रिलियन से $16 ट्रिलियन की ओर बढ़ेगी, वैसे-वैसे निवेश के नए और बड़े अवसर पैदा होंगे। उन्होंने निवेशकों को अच्छी कंपनियों में दीर्घकालिक निवेश की सलाह दी।
भारत की जीडीपी और भविष्य की संभावनाएं

रिपोर्ट में भारत की आर्थिक प्रगति पर भी प्रकाश डाला गया है। भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) पिछले 17 वर्षों में $1 ट्रिलियन से बढ़कर $4 ट्रिलियन तक पहुंची है। उम्मीद है कि आने वाले 17 वर्षों में यह यहां से चार गुना तक बढ़ सकती है।

रिपोर्ट के अनुसार, इस ‘मल्टी-ट्रिलियन डॉलर (MTD) युग’ में वित्तीय क्षेत्र और उपभोक्ता सामान (जैसे कार, स्मार्टफोन और रोजमर्रा की चीजें) बनाने वाली कंपनियां बहुत तेजी से विकास करेंगी। इसके अतिरिक्त, भविष्य में कई ‘कंपाउंडिंग स्टॉक्स’ (लगातार बढ़ने वाले शेयर) देखने को मिलेंगे और लार्ज कैप यानी बड़ी कंपनियां आने वाले समय में और भी शानदार प्रदर्शन कर सकती हैं।

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