
पाकिस्तान आज कर्ज, गरीबी और आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। देश में खाने-पीने की चीजों तक की कमी बनी हुई है फिर भी वह तेल खोज को नया सहारा मान रहा है। सिंध के तट के पास एक आर्टिफिशियल आइलैंड बनाकर पाकिस्तान बड़े सपने देख रहा है। उसे उम्मीद है कि तेल मिलने पर उसकी डगमगाती अर्थव्यवस्था संभल जाएगी।
आर्टिफिशियल आइलैंड बनाकर तेल खोजेगा पाकिस्तान
पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहा है। महंगाई, खाद्य संकट और कर्ज के बोझ से दबे इस देश को अक्सर आतंकवाद और अस्थिरता के लिए जाना जाता है। लेकिन अब पाकिस्तान तेल खोज में अपनी किस्मत तलाशना चाहता है। इसी उद्देश्य से उसने सिंध के तट से लगभग 30 किलोमीटर दूर एक आर्टिफिशियल आइलैंड बनाने की योजना शुरू की है ताकि समुद्र में सुरक्षित और स्थिर जगह पर ड्रिलिंग की जा सके।
ट्रंप की रुचि के बाद तेज हुए प्रयास
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब से पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के संभावित तेल भंडारों में रुचि दिखाई है इस्लामाबाद ने अपने प्रयास और तेज कर दिए हैं। पाक मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, हाल की एक स्टडी में सिंध तट के पास मौजूद अपतटीय बेसिनों में बड़े हाइड्रोकार्बन मिलने की संभावनाएं सामने आई हैं। इसी उम्मीद के सहारे पाकिस्तान भविष्य के सपने बुन रहा है।
पीपीएल का बड़ा प्रोजेक्ट
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड (PPL) इस प्रोजेक्ट को लेकर आगे बढ़ रही है। कंपनी इस क्षेत्र में एक ऐसा आर्टिफिशियल आइलैंड तैयार कर रही है, जो समुद्र में छह फीट ऊँचाई पर बनाया जाएगा, ताकि ऊंची लहरें और ज्वार खोज प्रक्रिया में बाधा न डाल सकें।
पीपीएल के जनरल मैनेजर अरशद पालेकर ने बताया कि यह प्रोजेक्ट अबू धाबी के सफल आर्टिफिशियल आइलैंड मॉडल से प्रेरित है। पाकिस्तान में यह पहला मौका है जब तेल खोज के लिए ऐसी तकनीक अपनाई जा रही है।
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फरवरी तक तैयार होगा आइलैंड
पालेकर ने इस्लामाबाद में हुए एक तेल और गैस सम्मेलन में बताया कि आइलैंड का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और फरवरी तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद तुरंत ड्रिलिंग प्रक्रिया शुरू करने का लक्ष्य है। पाकिस्तान को विश्वास है कि यदि तेल भंडार मिले तो उसका आर्थिक भविष्य बदल सकता है।




