
आईवियर रिटेल कंपनी लेंसकार्ट सॉल्यूशंस आज सोमवार को शेयर बाजार में एंट्री लेने जा रही है। कंपनी ने हाल ही में 2025 के सबसे बड़े आईपीओ में से एक लॉन्च किया था। अब जब यह शेयर मार्केट में लिस्ट होने वाल है, तो निवेशकों के बीच उत्सुकता के साथ-साथ सतर्कता भी देखी जा रही है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस लिस्टिंग से बड़े रिटर्न की संभावना नजर नहीं आ रही है, क्योंकि बाजार का माहौल फिलहाल सुस्त है।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, SBI सिक्योरिटीज के हेड ऑफ फंडामेंटल रिसर्च सनी अग्रवाल ने बताया कि लेंसकार्ट के शेयर लगभग अपने इश्यू प्राइस यानी 402 रुपये के आसपास ही लिस्ट होंगे। उन्होंने आगे कहा कि जो निवेशक आईपीओ में शेयर अलॉटमेंट पा चुके हैं, वे लिस्टिंग के दिन हल्का-सा प्रॉफिट बुक कर सकते हैं।
‘प्रीमियम न मिले तो एग्जिट बेहतर’
वहीं, SP Tulsian Investment Advisers की आईपीओ विशेषज्ञ गीतांजलि केडिया का भी यही सुझाव है। उन्होंने कहा कि अगर शेयर लिस्टिंग पर प्रीमियम में खुलता है तो निवेशकों को तुरंत मुनाफा बुक करना चाहिए। अगर प्रीमियम न मिले, तब भी एग्जिट करना बेहतर रहेगा।
ग्रे मार्केट प्रीमियम में भारी गिरावट
लिस्टिंग से पहले लेंसकार्ट के ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) में तेज गिरावट देखने को मिली है। सोमवार की सुबह तक इसका GMP सिर्फ 10 रुपये रह गया, जो कि इश्यू प्राइस का लगभग 2.4% है। 31 अक्टूबर, जब यह IPO खुला था, उस दिन इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम 71 रुपये प्रति शेयर था। यानी, निवेशकों की शुरुआती जोश अब ठंडी पड़ती दिख रही है। यह संकेत देता है कि लिस्टिंग बहुत जोरदार नहीं रहने वाली है।
आईपीओ को मिला जबरदस्त रिस्पॉन्स
हालांकि, इस आईपीओ को सब्सक्रिप्शन के दौरान निवेशकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली थी। लेंसकार्ट का 7,278 करोड़ रुपये का आईपीओ मंगलवार को बंद हुआ और इसे कुल 28.2 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) का हिस्सा 40.3 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) का हिस्सा 18.2 गुना और रिटेल निवेशकों का हिस्सा 7.5 गुना सब्सक्राइब हुआ। कर्मचारियों के लिए आरक्षित हिस्से को भी 4.96 गुना सब्सक्रिप्शन मिला।
इससे यह साफ है कि कंपनी के बिजनेस मॉडल और ब्रांड वैल्यू को लेकर निवेशकों में भरोसा तो है, लेकिन वैल्यूएशन को लेकर आशंका भी बरकरार है।
निवेशकों के लिए सलाह
बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, फिलहाल ग्लोबल मार्केट्स की अस्थिरता और घरेलू संकेतकों की कमी के बीच निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं। इसलिए लेंसकार्ट जैसी नई लिस्टिंग से बहुत ज्यादा उत्साह की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए।




