लाइफ स्टाइलविज्ञानविश्व

धीरे-धीरे आपकी याददाश्त को कमजोर बना रही ये तीन बीमारियां, समय रहते हो जाइए अलर्ट

दुनियाभर में आज यानि 21 सितंबर को ‘विश्व अल्जाइमर दिवस’ मनाया जा रहा है। यह खास दिन सबसे गंभीर बीमारी अल्जाइमर की बीमारी के बारे में लोगों को सचेत करने के लिए मनाया जाता है। अल्जाइमर एक ऐसी बीमारी है, जो इंसान के सोचने-समझने की क्षमता, याददाश्त और रोजमर्रा के कामों को प्रभावित करती है।

इस बीमारी को लेकर कई वैज्ञानिक रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि खराब जीवनशैली का असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है, और बीमारी गंभीर होती है। रिसर्च में यह भी पता चला है कि, कई बीमारियां अल्जाइमर जैसी बीमारी को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है।
उम्र से पहले बीमारी का खतरा

रिसर्च में बताया है कि, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और मोटापे जैसी बीमारियां, जो पहले 60-70 की उम्र के बाद में हुआ करती थीं, अब वो 30-40 की उम्र में दिखाई देने लगी हैं। सभी बीमारियां न सिर्फ दिल या शरीर को नुकसान पहुंचा रही हैं, बल्कि दिमाग पर भी गंभीर असर डाल रही हैं। इसके अलावा डायबिटीज में अगर लंबे समय तक शुगर लेवल कंट्रोल में न रहे, तो दिमाग तक सही मात्रा में ऊर्जा नहीं पहुंचती है। ब्रेन की कोशिकाएं सुस्त पड़ने लगती हैं और इंसान को चीजें याद रखने में परेशानी होने लगती है। कुछ वैज्ञानिकों ने तो इसे टाइप-3 डायबिटीज तक कहा है, क्योंकि यह डायबिटीज की तरह ही दिमाग को अंदर से नुकसान पहुंचाता है।इसके कारण ब्रेन में इंसुलिन की कार्यप्रणाली बिगड़ सकती है, जिससे सोचने और याद रखने की ताकत धीरे-धीरे कम होने लगती है।
हाई ब्लड प्रेशर भी बढ़ाता है खतरा

बताया जाता है कि, हाई ब्लड प्रेशर दिल से जुड़ी बीमारी मानी जाती है, लेकिन इसका असर दिमाग पर भी गहरा होता है। जब शरीर में ब्लड प्रेशर लगातार बढ़ा रहता है, तो ब्रेन की नसों पर दबाव पड़ता है। इससे दिमाग तक खून का बहाव सही तरीके से नहीं हो पाता। जब ब्रेन को सही पोषण और ऑक्सीजन नहीं मिलता, तो उसकी कार्यक्षमता घटने लगती है।ऐसे में अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, खासकर जब यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे। इसके अलावा मोटापे से शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को कमजोर कर सकते हैं।

यह प्रक्रिया धीमी जरूर होती है, लेकिन जब तक इसके लक्षण साफ नजर आने लगते हैं, तब तक काफी देर हो चुकी होती है।जो लोग मोटे होते हैं, खासकर जिनके पेट के आसपास चर्बी ज्यादा जमा होती है, उनके शरीर में एक तरह की सूजन बनी रहती है, जिसे क्रॉनिक इंफ्लेमेशन कहा जाता है। यह सूजन धीरे-धीरे दिमाग की नसों को भी नुकसान पहुंचाती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button