छत्तीसगढ़ में गिरफ्तार केरल की दो नन को जमानत: पीड़ित बोली-पीट-पीटकर बयान बदलवाया

दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने 3 आदिवासी युवतियां, एक युवक और 2 मिशनरी सिस्टर्स को पकड़ा। बजरंग दल ने GRP थाने में दोनों ननों के खिलाफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग के आरोप में FIR दर्ज कराई। अब पिछले 9 दिनों से दुर्ग जेल में बंद दोनों नन को बिलासपुर NIA कोर्ट ने 50-50 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी है।
ननों की गिरफ्तारी के खिलाफ लोकसभा-राज्यसभा संसद में मामला उठा, कई राज्यों में प्रदर्शन हुए। केरल से सांसदों का प्रतिनिधिमंडल भी ननों से मिलने दुर्ग जेल पहुंचा। सांसदों ने कहा कि सरकार ने फर्जी केस में फंसाकर जेल में डाला। वहीं मेघायल CM कॉनराड संगमा ने फर्जी केस रद्द करने की अपील की। आज भी 5 सांसद जॉन ब्रिटास, जोस के मणि, पी संतोष, चंडी ओमेन, सनी जोसेफ पहुंचे थे।
दोनों ननों की गिरफ्तारी का मामला दुर्ग कोर्ट से खारिज होने के बाद बिलासपुर NIA कोर्ट पहुंच था। कैथोलिक नन प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस की जमानत याचिका पर आज यानी 2 अगस्त को फैसला आया। ननों के वकील ने बताया कि पुलिस के पास सबूत नहीं हैं।
छत्तीसगढ़ समेत कई जगहों पर बवाल के बीच 3 युवतियों में से एक युवती ने मीडिया के सामने आकर बयान दिया कि, ननों ने उसके साथ कोई गलत व्यवहार नहीं किया। दुर्ग में उनसे मारपीट की गई। जबरन बयान बदलवाया गया।