Uncategorized

उद्यानिकी प्रशिक्षण से सशक्त होंगे किसान और युवा

रायपुर, किसानों एवं स्थानीय युवक- युवतियों को उद्यानिकी क्षेत्र में सशक्त बनाने के उद्देश्य से सुशासन सप्ताह पर  विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है, जो भविष्य में जिले की उद्यानिकी को नई दिशा और मजबूती प्रदान करेगा। सूरजपुर जिले में उद्यानिकी विभाग द्वारा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सराहनीय और दूरदर्शी पहल की गई है। जिला खनिज न्यास डीएमएफ निधि के प्रभावी उपयोग से उद्यानिकी के क्षेत्र में किया जा रहा है l 

सब्जियों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए ग्राफ्टिंग कारगर पद्धति

ग्राफ्टिंग के माध्यम से एक ही पौधे में बैंगन और टमाटर पैदा करने की एक नवीन तकनीक अंतर-विशिष्ट ग्राफ्टिंग, जैविक और अजैविक तनावों के प्रति सहनशीलता बढ़ाने के साथ-साथ सब्जियों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए एक आशाजनक रूप में उभरी है।

ग्राफ्टेड सब्जी उत्पादन का किसानों को प्रशिक्षण

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशानुरूप एवं कलेक्टर सूरजपुर के निर्देशन में सूरजपुर जिले में ग्राफ्टेड टमाटर, बैंगन एवं अन्य उद्यानिकी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु विशेष प्रशिक्षण अभियान का शुभारंभ किया गया है। इस पहल के तहत किसानों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ते हुए ग्राफ्टेड सब्जी उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे सब्जियों की बढ़ती मांग को पूरा करने में किसानों को नई ताकत मिलेगी।

ग्राफ्टेड पौधे तैयार करने के लिए कौशल विकास आधारित माली प्रशिक्षण

अब तक जिले के किसानों को ग्राफ्टेड पौधों के लिए बाहरी एजेंसियों पर निर्भर रहना पड़ता था, जिससे समय, लागत और उपलब्धता की समस्याएं सामने आती थीं। इस स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने जिले में ही ग्राफ्टेड पौधे तैयार करने के लिए कौशल विकास आधारित माली प्रशिक्षण योजना लागू की है, जिससे किसानों की बाहरी निर्भरता कम होगी।

डीएमएफ निधि से उद्यानिकी विभाग को माली प्रशिक्षण हेतु राशि उपलब्ध

इस उद्देश्य से कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन द्वारा डीएमएफ निधि से उद्यानिकी विभाग को माली प्रशिक्षण हेतु राशि उपलब्ध कराई गई है। इसके अंतर्गत जिले की दो प्रमुख शासकीय उद्यान रोपणियां शासकीय उद्यान दतिमा, विकासखंड सूरजपुर और शासकीय उद्यान खोरमा, विकासखंड प्रतापपुर में 30-30 कुल 60 हितग्राहियों (किसान एवं स्थानीय युवक-युवतियां) को निःशुल्क माली प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

आधुनिक तकनीकों का व्यावहारिक ज्ञान देना उद्देश्य

प्रशिक्षण के दौरान लाभार्थियों को कटिंग, बडिंग एवं ग्राफ्टिंग द्वारा पौधा तैयार करने की आधुनिक तकनीकों का व्यावहारिक ज्ञान दिया जा रहा है। इसके साथ ही प्रशिक्षण पूर्ण होने के पश्चात उद्यानिकी टूल-किट भी प्रदान की जाएगी, ताकि प्रशिक्षित हितग्राही तुरंत अपने कार्य की शुरुआत कर सकें।

रोजगार सृजन, उत्पादन वृद्धि और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जिले में रोजगार सृजन, उत्पादन वृद्धि और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल किसानों की उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय युवक-युवतियों के लिए स्वरोजगार और उद्यमिता के नए अवसर भी सृजित होंगे। साथ ही ग्राफ्टेड पौधों की सुलभ उपलब्धता, लागत में कमी, गुणवत्ता में सुधार और उद्यानिकी उत्पादन में वृद्धि जैसे सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button