नए साल में सस्ता होगा खाना बनाना और सफर करना: जनवरी से CNG-PNG की कीमतें होंगी कम

नए साल 2026 की शुरुआत आम आदमी की जेब के लिए राहत भरी खबर लेकर आ रही है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड ने गैस परिवहन शुल्क में बड़े बदलाव करने का फैसला किया है। इस फैसले के बाद 1 जनवरी से सीएनजी और घरों में इस्तेमाल होने वाली पीएनजी की कीमतों में कमी आएगी। सरकार की ‘एक देश, एक ग्रिड, एक शुल्क’ की नीति के तहत इस नई व्यवस्था को लागू किया जा रहा है।
परिवहन शुल्क में बदलाव से घटेंगे दाम
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) ने प्राकृतिक गैस के परिवहन शुल्क यानी टैरिफ को सरल और तर्कसंगत बनाने का निर्णय लिया है। नई एकीकृत टैरिफ व्यवस्था के लागू होने से सीएनजी की कीमतों में दो से ढाई रुपये प्रति किलो और पीएनजी के दाम में लगभग दो रुपये तक की कमी आने की संभावना है।
नियामक बोर्ड ने गैस कंपनियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस कटौती का सीधा आर्थिक लाभ अंतिम उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाए। हालांकि, अलग-अलग राज्यों में वैट और अन्य करों की दरों के कारण बचत का आंकड़ा थोड़ा भिन्न हो सकता है।
तीन के बजाय अब होंगे सिर्फ दो जोन
गैस परिवहन शुल्क की पुरानी व्यवस्था में दूरी के आधार पर तीन अलग-अलग जोन बनाए गए थे, जिनमें शुल्क की दरें 42 रुपये से लेकर 107 रुपये तक थीं। PNGRB ने अब इस जटिल प्रणाली को खत्म करते हुए केवल दो जोन की व्यवस्था लागू की है।
पहले जोन के लिए एकीकृत परिवहन शुल्क 54 रुपये तय किया गया है, जो पुरानी दरों के मुकाबले काफी कम है। यह नया नियम पूरे भारत में समान रूप से लागू होगा, जिससे लंबी दूरी तक गैस पहुंचाने की लागत कम हो जाएगी और इसका सीधा असर खुदरा कीमतों पर पड़ेगा।
करोड़ों उपभोक्ताओं और कंपनियों को मिलेगा लाभ
इस नई नीति का फायदा देश के 312 भौगोलिक क्षेत्रों में रहने वाले करोड़ों लोगों को मिलेगा। वर्तमान में देश में लगभग 40 सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) कंपनियां कार्यरत हैं, जो अब कम लागत पर गैस की सप्लाई कर सकेंगी। इसमें न केवल रसोई गैस के रूप में पीएनजी का उपयोग करने वाले घरेलू परिवार शामिल हैं, बल्कि परिवहन क्षेत्र में सीएनजी का इस्तेमाल करने वाले लाखों वाहन चालक और टैक्सी ऑपरेटर भी शामिल हैं। यह बदलाव औद्योगिक ईकाईयों के लिए भी सकारात्मक साबित होगा जो ईंधन के रूप में प्राकृतिक गैस पर निर्भर हैं।
एक देश-एक ग्रिड के सपने की ओर बढ़ता कदम
प्रधानमंत्री के ‘वन नेशन, वन ग्रिड’ के विजन को मजबूती देते हुए यह फैसला लिया गया है। इस व्यवस्था से देश के उन हिस्सों में भी गैस सस्ती होगी जो गैस स्रोतों से काफी दूर स्थित हैं। पहले जोन में आने वाले सभी ग्राहकों के लिए एक समान शुल्क होने से बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी।
नए साल के इस तोहफे से न केवल महंगाई पर लगाम लगेगी, बल्कि पर्यावरण अनुकूल ईंधन के उपयोग को भी बढ़ावा मिलेगा। गैस क्षेत्र में किए गए ये नीतिगत सुधार आने वाले समय में ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।




