छत्तीसगढ़

कलेक्टर जन्मेजय महोबे पहुँचे ऑयल पाम के खेत, किसानों को दी स्थायी आमदनी की राह

जांजगीर-चांपा जिले के बम्हनीडीह विकासखंड के ग्राम सोंठी में कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने रविवार को ऑयल पाम की खेती का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने किसानों से चर्चा कर खेती के लाभ बताए और कहा कि ऑयल पाम फसल किसानों के लिए दीर्घकालिक आय का मजबूत साधन बन सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य और केंद्र सरकार मिलकर पौधरोपण, सिंचाई, तकनीकी मार्गदर्शन और सब्सिडी प्रदान कर रही हैं। साथ ही शुरुआती वर्षों में किसानों की आय सुनिश्चित करने के लिए अंतरवर्ती फसलों की खेती पर भी सहायता दी जा रही है।

जांजगीर। कलेक्टर ने किसानों को प्रेरित करते हुए कहा कि जिले में ऑयल पाम की खेती को विशेष अभियान के रूप में आगे बढ़ाया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इसका लाभ उठा सकें। उन्होंने उद्यानिकी और कृषि विभाग को निर्देश दिए कि स्व-सहायता समूह की महिलाओं को आजीविका संबंधी गतिविधियों से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जाए और उन्हें प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जाए।

निरीक्षण के दौरान उप संचालक कृषि ललित मोहन भगत, सहायक संचालक उद्यानिकी श्रीमती रंजना मखीजा, कृषक पुरुषोत्तम शर्मा, कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी खेमा दस महंत, चूड़ामणि राठौड़, धर्मपाल राठौड़, कृषि विभाग के अधिकारी, स्थानीय किसान और महिला समूह की सदस्य मौजूद रहे।

सहायक संचालक उद्यानिकी ने बताया कि जिले में ऑयल पाम खेती का 500 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। योजना के तहत प्रति हेक्टेयर 29 हजार रुपये मूल्य के 143 पौधे नि:शुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं। पौधरोपण, फेंसिंग, सिंचाई और अंतरवर्ती फसलों की लागत करीब चार लाख रुपये आती है। इस पर केंद्र सरकार द्वारा 1.30 लाख रुपये और राज्य शासन द्वारा 1.29 लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। साथ ही अंतरवर्ती फसल, बोरवेल, पंप सेट, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और वर्मी कम्पोस्ट यूनिट पर भी अनुदान का प्रावधान है।

ऑयल पाम की फसल तीसरे साल से उत्पादन देना शुरू करती है और लगभग 25 से 30 साल तक लगातार उपज देती है। एक हेक्टेयर से हर साल करीब 20 टन उपज प्राप्त होती है जिससे किसान को ढाई से तीन लाख रुपये तक की सालाना आय संभव है।

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