छत्तीसगढ़

CG SIR: फोटो को लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने दी यह जानकारी…

<strong>रायपुर । देश के 12 राज्यों में चल रही मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया (SIR) के तहत छत्तीसगढ़ में भी बीएलओ घर घर जाकर मतदाताओं का भौतिक सत्यापन कर रहे हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देशन में चल रही इस प्रक्रिया में दस्तावेजों की जांच और मतदाता सूची के सुधार का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदाताओं को बिना जरूरत किसी अतिरिक्त दस्तावेज या फोटो देने की बाध्यता नहीं है।

व्हाइट बैकग्राउंड फोटो को लेकर भ्रम दूर
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि कुछ जगहों पर यह गलतफहमी फैल गई थी कि SIR के लिए व्हाइट बैकग्राउंड वाली फोटो अनिवार्य है। आयोग ने कहा कि यह जरूरी नहीं है। यदि फॉर्म पर लगी फोटो धुंधली या खराब हो तो नया फोटो दिया जा सकता है, अन्यथा सभी मतदाताओं को फोटो देने की जरूरत नहीं है। बीएलओ चाहें तो अपने मोबाइल से भी फोटो लेकर अपलोड कर सकते हैं।

चार नवंबर से जारी है दूसरा चरण
छत्तीसगढ़ में SIR का दूसरा चरण 4 नवंबर से जारी है। बीएलओ घर घर सर्वे कर रहे हैं। जिन मतदाताओं का नाम 2003 की SIR सूची में मौजूद है, उन्हें कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं है। ऐसे भी मतदाता जो 2003 में नाबालिग थे या दूसरे राज्य में रहते थे, लेकिन उनके माता पिता का नाम किसी भी राज्य की 2003 की सूची में है, उन्हें भी दस्तावेज नहीं देने होंगे।

कब देने होंगे दस्तावेज
यदि 2003 की सूची में न आपका नाम है और न ही आपके माता पिता का, तो आपको अपनी नागरिकता साबित करनी होगी। आयोग ने 13 दस्तावेजों की सूची जारी की है। इनमें पहचान पत्र, 1 जुलाई 1987 से पहले जारी प्रमाणपत्र, जन्म प्रमाणपत्र, पासपोर्ट, मैट्रिकुलेशन प्रमाणपत्र, स्थायी निवास प्रमाणपत्र, वन अधिकार प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र, NRC संबंधित प्रमाणपत्र, फैमिली रजिस्टर, भूमि या मकान आवंटन प्रमाणपत्र और आधार से जुड़े निर्देश शामिल हैं।

आपत्ति और अंतिम सूची
एक महीने तक घर घर सर्वे चलेगा। इसके बाद एक महीने तक दावा आपत्तियों की सुनवाई होगी और फिर अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी। यदि SIR प्रक्रिया में किसी मतदाता का नाम कट जाता है तो वह पहले कलेक्टर और फिर मुख्य निर्वाचन कार्यालय में अपील कर सकता है।

क्यों जरूरी हुई SIR प्रक्रिया
1951 से 2004 तक आठ बार SIR हुई थी, लेकिन 2004 के बाद यह प्रक्रिया नहीं चल पाई। इस वजह से मतदाता सूची में त्रुटियां बढ़ती गईं। मृतकों, स्थायी रूप से स्थानांतरित, डुप्लीकेट और संदिग्ध प्रविष्टियों को हटाने के उद्देश्य से मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इसे फिर से शुरू करने का निर्णय लिया। पहला चरण बिहार में पूरा हो चुका है, दूसरा चरण 12 राज्यों में जारी है और तीसरे चरण में शेष राज्यों में यह प्रक्रिया शुरू होगी।</strong>

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